प्रथम टुडे rastriy :-- अमित कटारिया एक चर्चित आईएएस अधिकारी रहे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वह भारत के सबसे अमीर आईएएस अफसर में से एक हैं। वह कभी बतौर अफसर सिर्फ एक रुपये की सैलरी लेकर काम करते थे। गुरुग्राम में जन्मे कटारिया ने आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई की।
अमित कटारिया एक ऐसा नाम है जो सिविल सेवा अधिकारियों और यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच धन-संपत्ति और सेवा दोनों के लिए जाना जाता है। वे भारत के सबसे चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में से एक हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कटारिया लगभग 8.90 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। लेकिन, जो बात उन्हें सबसे अलग बनाती है, वह है उनकी पब्लिक सर्विस के प्रति अटूट निष्ठा। यही बात उनके IAS करियर को भी परिभाषित करती है। आइए जानते हैं आईएएस अमित कटारिया और उनकी सफलता के बारे में।
प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में गजब का संतुलन
अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन बनाकर चलने वाले अमित कटारिया की कहानी बहुत प्रेरणादायक है। उन्होंने गुरुग्राम के एक साधारण परिवार से शुरुआत की और IAS में उच्च पद हासिल किया। इतनी संपत्ति होने के बावजूद, वे एक सिविल सर्वेंट के रूप में अपने काम के प्रति समर्पित रहे।
अमित कटारिया 2004 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के एक सीनियर आई ए एस ऑफिसर हैं। उनका जन्म हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ था। उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद, उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूटऑफ टेक्नोलॉजी, IIT दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक( बी टेक ) किया। उनके शिक्षा और शुरुआती जीवन ने उन्हें अनुशासन और सेवा के मूल्यों के साथ आईऐएस में सफल होने के लिए तैयार किया।
साल 2003 में पास की सिविल सर्विस परीक्षा
अमित कटारिया पहली बार तब चर्चा में आए जब उन्होंने 2003 में सिविल सर्विसेज एग्जाम में 18वीं रैंक हासिल की। यह उनके शानदार करियर की शुरुआत थी। उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर काम करते हुए डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और बाद में डिपार्टमेंट ऑफ रूरल डेवलपमेंट में जॉइंट सेक्रेटरी के पद शामिल हैं। उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता ने उन्हें ब्यूरोक्रेसी में काफी सम्मान दिलाया।
सिर्फ 1 रुपये सैलरी लेने का फैहला
अमित कटारिया के करियर का एक सबसे अनोखा पहलू यह है कि उन्होंने अपने सर्विस के एक महत्वपूर्ण फेज यानी लंबे समय अंतराल के दौरान सिर्फ 1 रुपये का वेतन लेने का फैसला किया। सिर्फ एक रूपये की टोकन सैलरी लेने के उनके फैसले ने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया।
इस फैसले से कटारिया के इस विश्वास को बल मिला कि IAS में उनकी भूमिका देश की सेवा करना है, न कि पैसा जमा करना। उनके इस फैसले को सिविल सर्विसेज के मूल्यों के प्रति निस्वार्थ समर्पण के उदाहरण के तौर पर देखा जाता है।
आईऐएस अमित कटारिया का वेतन भले ही कम हो और उन्होंने सैलरी लेने से इनकार किया हो लेकिन वह सबसे अमीर आईऐएस के रूप में जाने जाते हैं। उनकी यह संपत्ति उनके परिवार के रियल एस्टेट बिजनेस से आई है। उनके परिवार ने दिल्ली( एनसीअआर) क्षेत्र में प्रॉपर्टी में अच्छा निवेश किया है।
न होल्डिंग्स ने उनकी संपत्ति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो लगभग 8.90 करोड़ रुपये आंकी गई है। अमित की पत्नी अस्मिता हांडा भी एक कमर्शियल पायलट के रूप में एक वर्किंग वुमन हैं। वे भी अपने सफल करियर से परिवार की संपत्ति में योगदान करती हैं।
चश्मा पहनकर प्रधानमंत्री से मिले थेसे मिले IAS अमित
अमित कटारिया साल 2015 में मीडिया जगत में जमकर सुर्खियां बटोरी थीं। उस समय वे छत्तीसगढ़ के बस्तर में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पद पर तैनात थे। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र का दौरा किया। कटारिया ने उन्हें धूप का चश्मा पहनकर स्वागत किया, जिससे वे सुर्खियों में आ गए। इससे औपचारिक अवसरों पर उचित प्रोटोकॉल को लेकर बहस भी छिड़ गई।
कुछ लोगों ने उनके पहनावे की आलोचना की, जबकि अन्य ने उनके पर्सनल स्टाइल की तारीफ भी की। विवाद के बावजूद, कटारिया की एक सक्षम और समर्पित सिविल सर्वेंट की प्रतिष्ठा बरकरार रहे
आइ ए एस का वेतन
उनकी जिम्मेदारियों की तुलना में काफी सीमित होता है। एंट्री-लेवल पर करियर की शुरुआत में प्रति माह 50,000 रुपये से 60,000 रुपये के बीच वेतन मिलता है। सीनियर अफसरों को लगभग 2,00,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं। टॉप पोजीशन होने के बावजूद अमित कटारिया के लिए IAS की नौकरी कमाई का जरिया होने के बजाय सेवा का एक बड़ा माध्यम बनी।
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