2 बजकर 52 मिनट पर पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी अपनी बाइक से जाते दिख रहे हैं। 18-20 सेकेंड बाद बाइक पर सवार दो संदिग्ध हमलावर दिखते हैं, जिन्होंने मुंह पर रुमाल बांध रखा है। उनके ठीक पीछे एक काले रंग की थार गाड़ी भी नजर आ रही है, जिससे संदेह और गहरा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि हत्या की साजिश पहले से रची गई थी और बदमाशों ने पेशेवर तरीके से वारदात को अंजाम दिया।
2 बजकर 52 मिनट पर पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी अपनी बाइक से जाते दिख रहे हैं। 18-20 सेकेंड बाद बाइक पर सवार दो संदिग्ध हमलावर दिखते हैं, जिन्होंने मुंह पर रुमाल बांध रखा है। उनके ठीक पीछे एक काले रंग की थार गाड़ी भी नजर आ रही है, जिससे संदेह और गहरा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि हत्या की साजिश पहले से रची गई थी और बदमाशों ने पेशेवर तरीके से वारदात को अंजाम दिय
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