प्रथम टुडे rastriy :-- छत्रपति संभाजीनगर: औरंगजेब के मकबरे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दक्षिणपंथी संगठनों की धमकियों और कुछ नेताओं के बयानों के बाद पुलिस ने यह कदम उठाया है। ये संगठन मकबरे को गिराना चाहते हैं। खुलताबाद में स्थित यह मकबरा छत्रपति संभाजीनगर शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। पिछले कुछ दिनों से मकबरे में सीधे प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। यह रोक आगे भी जारी रहेगी।
संभाजी नगर महाराष्ट्र में अलर्ट
पुलिस का कहना है कि गाड़ियों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। लेकिन मकबरे की ओर जाने वाली गाड़ियों पर नज़र रखने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इससे ट्रैफिक धीमा हो जाता है और निगरानी आसान हो जाती है। एसआरपीएफ का एक दस्ता चौबीस घंटे निगरानी कर रहा है। छह पुलिसकर्मी लगातार मकबरे की सुरक्षा में तैनात हैं। खुलताबाद के पुलिस इंस्पेक्टर धनंजय फराटे ने यह जानकारी दी।
संजय शिरसाट ने किया पलटवार किया
इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। शिवसेना (UBT) के नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने महायुति सरकार पर लोगों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार आग में घी डाल रही है। दानवे ने कहा कि केंद्र सरकार एएसआई के माध्यम से मकबरे के रखरखाव के लिए धन देती है। फिर भी, केंद्र और राज्य सरकारें कुछ तत्वों को मकबरे को तोड़ने के लिए उकसाती हैं। कैबिनेट मंत्री और शिवसेना के नेता संजय शिरसाट ने पलटवार किया है। उन्होंने विपक्षी दलों को चुनौती दी है कि अगर उन्हें लगता है कि मकबरे को हटाने से इतिहास मिट जाएगा, तो वे औरंगजेब की मूर्तियां लगाएं। शिरसाट ने कहा कि महाराष्ट्र में औरंगजेब के मकबरे के लिए कोई जगह नहीं है।
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