Update [5/4, 13:46] Anurag Dixit: pratham today
प्रथम टुडे जबलपुर :-- पुलिस द्वारा अभी तक वेश्यावृत्ति के खिलाफ कार्रवाई के दौरान होटल और ढाबों छापा मार कर सेक्स वर्कर को आरोपी बनाया जाता था । लेकिन अब किसी भी होटल या ढाबों मैं छापेमारी के दौरान ऐसी सेक्स वर्कर जो पकड़ी जाती है तो उनके ऊपर किसी प्रकार का कोई प्रकरण तैयार नहीं होगा और ना ही उन्हें आरोपी बनाया जाएगा ।
यह आदेश महिला सुरक्षा की स्पेशल डीजी द्वारा मध्य प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए हैं ।
इस आदेश में महिला सुरक्षा की डीजी प्रज्ञा श्रीवास्तव द्वारा सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए यह आदेश जारी किए गए हैं । उन्होंने कहा है कि स्वेच्छा से किया गया यौन कार्य अवैध नहीं है लेकिन वैश्यालय चलाना गैर कानूनी है, जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सेक्स वर्कर को ना ही परेशान किया जाए और ना ही गिरफ्तार किया जाए क्योंकि यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन है,
क्या है इस अनैतिक व्यापार का नियम
स्पष्ट किया कि अनैतिक व्यापार ( निवारण ) अधिनियम 1956 के अनुसार वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है लेकिन इसमें कार्यरत महिलाओं को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता है कारण यह है कि अपनी स्वेच्छा से यह पैशा अपनाये हुए हैं । सुप्रीम कोर्ट के अनुसार किसी भी महिला की स्वेछा से बने शारीरिक संबंध को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है l
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