[4/4, 08:09] Anurag Dixit: pratham today
प्रथम टुडे जबलपुर :-- बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और फिल्म निर्देशक मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में निधन हो गया। देशभक्ति फिल्मों के लिए मशहूर मनोज कुमार को 'भारत कुमार' के नाम से भी जाना जाता जाता था। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में शुक्रवार सुबह अंतिम सांस ली। वो देश भक्ति फिल्मों के लिए जाने जाते थे। उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें भारतीय सिनेमा और कला में उनके योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से साल 1992 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मनोज कुमार इन फिल्मों के लिए मशहूर
मनोज कुमार ने 'सहारा' (1958), 'चांद' (1959) और 'हनीमून' (1960) जैसी फिल्मों में खाम किया और फिर उन्हें मिली 'कांच की गुड़िया' (1961) जिसमें वो पहली बार लीड रोल में दिखे। इसके बाद 'पिया मिलन की आस' (1961), 'सुहाग सिंदूर' (1961), 'रेशमी रूमाल' (1961) आई।:
इसके अलावा साल 2015 में सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। मनोज कुमार के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गरतल तमाम फैंस और सेलेब्स दिग्गज अभिनेता के निधन पर दुख जाहिर कर रहे हैं।
उनकी पहली रिलीज़ देशभक्ति फिल्म 'शहीद' थी, जो स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के जीवन पर आधारित थी । इस फिल्म को क्रिटिक्स और दर्शकों के साथ-साथ भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री से भी जमकर तारीफ मिली और ये बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें लोकप्रिय नारे 'जय जवान जय किसान' पर आधारित एक फिल्म बनाने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने देशभक्ति फिल्म 'उपकार' (1967) बनाई, जिसे क्रिटिक्स की खूब तारीफें मिली और यह उस वर्ष बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर बनकर उभरी ।
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