Update [4/4, 09:34] Anurag Dixit: pratham today
प्रथम टुडे Rastriy :-- संसद में वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद जदयू में विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के मुस्लिम नेता अब खुलकर बिल का समर्थन करने को लेकर पार्टी नेतृत्व का विरोध कर रहे हैं। वहीं पार्टी से खुद को अलग करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जिसकी शुरूआत पार्टी के बड़े नेता मो. कासिम अंसारी ने की है। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही नीतीश कुमार के सेकुलर छवि पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि बिल का समर्थन कर उन्होंने मुस्लिम वर्ग को बड़ा आघात पहुंचाया है।
विधानसभा के जदयू प्रत्याशी रह चुके मो. कासिम ने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को दिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने साफ कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर इस बिल को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। इस बिल के माध्यम से मुसलमानों को जलील और रुसवा किया जा रहा है। उन्होंने जदयू में इतने साल रहने पर अफसोस जाहिर किया
बक्फ बिल संशोधन पर जे डी यू में भगदड़
निवेदन पूर्वक कहना है कि हम जैसे लाखों करोड़ों भारतीय मुसलमानों का अटूट विश्वास था कि आप विशुद्ध रूप से सेकुलर विचारधारा के ध्वजवाहक हैं। लेकिन अब यह यकीन टूट गया है। वक्फ बिल संसोधन अधिनियम 2024 के तअलुक से जदयू के स्टैण्ड से हम जैसे लाखों करोड़ों समर्पित भारतीय मुसलमानों एवं कार्यकर्ताओं को गहरा अघात लगा है। हम लोग लोकसभा में श्री ललन सिंह ने जिस तेवर और अंदाज से अपना वक्तव्य दिया और इस बिल का समर्थन किया उस से काफी मर्माहत हैं। वक्फ बिल हम भारतीय मुसलमानों के विरूद्ध है। हम किसी भी सुरत में इसे स्वीकार नहीं कर सकते। यह बिल संविधान की कई मौलिक अधिकारों का हनन करता है। इस बिल के माध्यम से भारतीय मुसलमानों को जलील व रूसवा किया जा रहा है। साथ ही साथ यह बिल पसमांदा विरोधी भी है। जिसका एहसास न आपको है और न आपकी पार्टी को है। मुझे अफसोस हो रहा है कि अपनी जिंदगी के कई वर्ष पार्टी को दिया।
अतः मै पार्टी के प्राथमिक सदस्य एवं अन्य जिम्मेदारियों से स्वेच्छा से त्याग पत्र दे रहा हूँ।
धन्यवाद
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