Updste [27/4, 09:18] Anurag Dixit: pratham today
प्रथम टुडे जबलपुर :-- शादी का सीजन चल रहा है और हर समाज में जहां शादी के लिए लड़के लड़कियां हैं, और शादी तय हो गई है । ऐसे में शादी के लेकर हर सीजन में कुछ ना कुछ नया देखने मिलता है जिसमें कुछ ऐसे भी उदाहरण सामने आते हैं जो आने वाले समय के लिए समाज में प्रेरणा का विषय बन जाते हैं ।
लेकिन इस बार शादी में आदिवासी समाज के एक पिता ने अपनी लाडली बेटी की शादी में कुछ ऐसा किया कि पूरे आदिवासी समाज के लिए वह प्रेरणा बन गया । समाज की परंपरा को दरकिनार करते हुए और समय को देखते हुए इस पिता ने एक ऐसी मिसाल कायम की जिसका आदिवासी समाज के साथ-साथ दूसरे समाज के लोग भी सराहना कर रहे हैं ।
आदिवासी समाज में लड़की वाले लेते हैं दापा
आदिवासी समाज में ऐसी प्रथा है कि जब लड़का लड़की की शादी तय हो जाती है, तो लड़के वाले लड़की के घर वालों को एक खास रकम देते हैं । दी जाने वाली रकम समय के हिसाब से आज के समय 3 लाख से 5 लाख तक होती है । जब लड़की अपनी ससुराल जाती है तो एक प्रकार से वह भी कर्ज के बोझ में दबी होती है । जिसे मजदूरी करके चुकती रहती है ।
मैं दापा नहीं ले रहा हूं, आप भी मत लेना
झाबुआ में रहने वाले एक आदिवासी परिवार की लड़की की शादी गुजरात के एक आदिवासी लड़की के साथ तय हो गई । उसके बाद दवाला नाम के इस पिता ने जब शादी के कार्ड छपवाए, शादी के कार्ड के नीचे एक नोट लिख दिया कि मैं दवाला नहीं ले रहा हूं आप भी मत लेना इससे हमारे लड़कियां खुश रहेगी ।
जब यह कार्ड समाज में लड़की के पिता ने वितरित किए तो हर जगह उसकी इस बात की सराहना हुई और आदिवासी समाज ने इसे अपने लिए एक प्रेरणा मानते हुए बात को भी मानने का मन बनाया है ।
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