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Sunday, April 6, 2025

बजट बैठक के दौरान महिला मुस्लिम पार्षदों के नमाज पढ़ने पर मच गया बवाल

 

 एमपी की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में नगर निगम में नमाज पढ़ने पर बवाल मच गया। शुक्रवार को निगम में बजट सत्र के दौरान महिला पार्षदों ने यहां नमाज पढ़ी थी।

 


Updat [6/4, 08:27] Anurag Dixit pratham today

 प्रथम टुडे MP :--    एमपी की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में नगर निगम में नमाज पढ़ने पर बवाल मच गया। शुक्रवार को निगम में बजट सत्र के दौरान महिला पार्षदों ने यहां नमाज पढ़ी थी। इसको लेकर हिंदूवादी संगठन भड़क उठे हैं। अब नगर निगम में हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की गई है। इधर नमाज पढ़ने पर विवाद होने पर पार्षद ने साफ कहा कि हमने नमाज ही तो पढ़ी, आतंकवादी जैसे बम लेकर तो नहीं गए थे।

शुक्रवार को नगर निगम में बजट पर चर्चा के दौरान लंच ब्रेक हुआ तो मुस्लिम महिला पार्षदों ने वहीं नमाज पढ़ी। इसपर ऐतराज जताया जा रहा है। महिला पार्षदों ने कहा कि उन्होंने सभापति की मंजूरी लेकर नमाज पढ़ी थी जबकि सभापति मुन्नालाल यादव ने शनिवार को इससे इंकार किया।उन्होंने कहा कि नमाज पढ़ने की मंजूरी नहीं दी गई थी।

नमाज पढ़ने को अनुचित बताया

इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने भी नमाज पढ़ने को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि नमाज कहीं और जाकर पढ़नी चाहिए थी।

संस्कृति बचाओ मंच का विरोध 

नगर निगम परिसर में शासकीय कार्यालय में नमाज पढ़ने का संस्कृति बचाओ मंच ने भी विरोध किया है। मंच ने अब वहां हनुमान चालीसा पाठ करने और अखंड रामायण करने की बात कही है।

 खूब हुई जुमले बाजी पहले सदन में आपस में भिड़े और बाहर हंसी मजाक 

सदन की कार्यवाही में फेकू ‘पप्पू’, ‘कसाब’, ‘जन्नत की हूर’ और ‘राम मंदिर, दो गुजराती, जुम्मे की नमाज, नवरात्रि की पूजा, कर्बला की जमीन जैसे शब्दों का खूब इस्तेमाल हुआ। यहां तक कि अमिताभ बच्चन की शायरी के हवाले भी दिए गए। जनता ने विपक्ष को शहर के मुद्दे उठाने के लिए चुना था, लेकिन विपक्ष भी अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम नजर आया। विपक्ष ने श्वान नसबंदी का मुद्दा उठाया, लेकिन जब महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने खड़े होकर सुझाव मांगे तो कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया।

 डॉग के नसबंदी की समस्या है : महापौर 

महापौर ने साफ कहा कि सिर्फ नसबंदी से डॉग बाइट की समस्या खत्म नहीं होगी, इसके लिए व्यवहारिक सुझाव दें। इस बीच जब कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की तारीफ सदन में हुई, तो विपक्ष फिर भड़क उठा और हंगामा शुरू कर दिया। करीब दो घंटे तक सदन में शोर-शराबा चलता रहा। लंच ब्रेक के दौरान वही पार्षद जो अभी तक एक-दूसरे से भिड़ रहे थे, साथ बैठकर हंसी-मज़ाक करते नजर आए।

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