Update [25/4, 14:18] Anurag Dixit: pratham today
प्रथम टुडे जबलपुर :-- उमरिया में 10 हाथियों के मौत की जांच पूरी नहीं फिर भी निलंबित अधिकारियों को बहाल क्यों किया ? जबलपुर के बरगी क्षेत्र में हाथी के मौत पर
डॉ. पी.जी. नाजपांडे तथा रजत भार्गव की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजा गया।
कार्यवाही क्यों नहीं ?
एनजीटी के आदेश पर चुप्पी। नोटिस भेजा
मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों से भटक कर आ रहे हाथियों की सुरक्षा खतरे में है, उनकी मौते हो रही लेकिन अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का भी पालन नहीं हुआ।
उमरिया के चंदिया में 10 हाथियों के मौत की जांच एक वर्ष बाद भी पूरी नहीं हुई और निलंबित अधिकारियों को बहाल कर दिया गया है। जबलपुर के बरगी में 28 नवंबर 2020 को करंट लगने से हाथी की मौत हुई, लेकिन किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही नहीं हुई।
एड. प्रभात यादव ने नोटिस में बताया कि बरगी में हुए हाथी के मौत के संबंध में दायर याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश "एलीफेंट वियरिंग स्टेट" नहीं है, अतः प्रदेश में भटक कर आ रहे हाथियों की जीवन सुरक्षा हेतु गाईड लाईन बनाना चाहिए।
एनजीटी भोपाल ने केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा गठित मानिटरिंग समिति तथा प्रदेश के मुख्य वन्य जीवन वार्डन को 23 फरवरी 2021 को निर्देश जारी कर कार्यवाही करने को कहा है। लेकिन न तो अभी तक जांच पूरी हुई, न ही अधिकारियों पर कार्यवाही हुई। बाहर के राज्यों से भटक कर आ रहे हाथियों के जीवन सुरक्षा हेतु गाईड लाईन भी अभी तक नहीं बनी है, जबकि आदेश को जारी करने के बाद चार साल बीत गये
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